Tuesday, September 14, 2010

एक अजनबी

सड़क पार कर रहा होगा।
गाड़ी को धक्का लगा रहा होगा।
नाले किनारे बैठा बीड़ी पी रहा होगा।
झूले को धक्का मारकर ले जा रहा होगा।
टेंट उखाड़ रहा होगा।
खेलों के लिए सड़क पोत रहा होगा।
बस का इंतजार कर रहा होगा।
सड़क के किनारे लगे पेड़ के नीचे पसीना पोंछ रहा होगा।
स्टेशन के गेट पर खड़ा खिड़की खुलने का इंतजार कर रहा होगा।
बस के पीछे लटक रहा होगा।
कंधे पर बोरी लटकाए कुछ बीन रहा होगा।
अपने हाथों से दूसरे हाथों में पेम्फलेट बाँट रहा होगा।
बीआरटी कॉरिडोर को डर-डर के पार कर रहा होगा।
सड़क पर लगे बोर्ड पढ़ रहा होगा।
साइकिल की उतरी चेन लगा रहा होगा।
पानी की रेहड़ी के छाते के नीचे छुप रहा होगा।
पैदल पथ में कहीं सो रहा होगा।
खम्बे पर चढ़ा होगा।
भरी धूप में चिल्ला रहा होगा।
उस चिल्लाते हुए को देख रहा होगा।
आटो के मीटर की रेटिंग देख रहा होगा।
टूटी हुई चप्पल से चलने की कोशिश कर रहा होगा।
बस के गेट पर लटका होगा।
साथ वाली लड़की को देख कर मुस्करा रहा होगा।
सवारी उठाते आटो में फँसकर बैठा होगा।
सड़क पर अपनी जेब से गिरा रूपया खोज रहा होगा।
किसी की साइकिल पेंचर कर रहा होगा।
किसी खड़ी गाड़ी के होर्न को बार-बार बजाकर भाग रहा होगा।
कुत्तों से डरके गली में से निकल रहा होगा।
खिड़की पर खड़ा होकर मौसम को कोस रहा होगा।
नौकरियों के फॉर्म में अपने मुताबिक कुछ तलाश रहा होगा।
छोले-भटूरे की दुकान पर खड़ा जेब टटोल रहा होगा।
बस स्टेंड पर बैठा पेंटिंग कर रहा होगा।
धूप में अपनी किताब सुखा रहा होगा।
बस स्टेंड पर लेटा किताब पढ़ रहा होगा।
गली के कोने पर गुट में बैठा कोई अधूरी कहानी सुना रहा होगा।
किसी दीवार पर रात में कुछ लिख रहा होगा।
स्ट्रीट लैम्प की रोशनी में दीवारों पर पोस्टर चिपका रहा होगा।
बाहर खड़े रिक्शे पर अपने सोने का इंतजाम कर रहा होगा।
तेज हवा में दिया जलाने की कोशिश कर रहा होगा।
किसी दरवाजे से कान लगाकर कुछ सुन रहा होगा।
अस्पताल के बाहर खड़ा दुआ पढ़ रहा होगा।
गले लगाने के लिये किसी को ढूँढ रहा होगा।
बारिश से बचने के लिये कोई ओटक तलाश रहा होगा।
किसी से माचिस मांग रहा होगा।
अपनी दुकान उठा रहा होगा।
अपने घर का छप्पर ठीक कर रहा होगा।
भीड़ मे खड़ा देख रहा होगा कि वहाँ उसके जैसे कितने लोग हैं।

मेरे साथी ने एक बार एक लाइन कही थी जो अब 'बहुरूपिया शहर' किताब में है-
"शहर में रेड लाइटें नहीं होतीं होते हैं तो बस अनजबियों के हाथ"

लख्मी

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