कला और समाजिक जीवन के बीच की बुनियादी बहस से और भिड़ंत से बनता है बोद्धिक जीवन। एक ऐसा जीवन जो "जीवन" को महज़ अनुभव और कहानियों से नहीं बयाँ करता बल्कि उन तरल और ठोस सवालों की उपज़ से फैलता है जिनको जीवन के हर मोड़ का स्वाद नसीब होता है।
जिससे रची है - Trickster City Book.
Tehelka Magazine, Vol 7, Issue 10, Dated March 13, 2010
http://www.tehelka.com/story_main44.asp?filename=hub130310slum_doggerel.asp
इनके साथ मुलाकात में "जीवन" और "जगह" के सवालों को लेकर बहस मे रखा गया।
लख्मी
Trickster City Group
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