कहते हैं - दिल्ली शहर में रेड लाइटें नहीं होती, होते हैं तो बस, अजनबियों के हाथ।
जिस शहर के हम हिस्से हैं उसमें बनते हर ठोस रुप को हम सिर्फ हामी ही नहीं देते बल्कि खुद को उसमें अधूरा भी पाते हैं। तभी कुछ खोजने की चाह पैदा होती हैं, जिसमें कुछ लोग मिसिंग परसन बनकर हमारे आस-पास घूमते नज़र आते हैं।
Trickster City Book
12 - 02 - 2010 में Launch की गई है जिसके बारे मे TIMEOUT MAGZINE मे लिखा ये पेज़ पढ़िये
http://www.timeoutdelhi.net/books/book_feature_details.asp?code=86
राकेश
Trickster Group
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