जीवन
में आकर्षण भर उजालों के बादल
अधेरों के दरवाजों पर ठक-ठक
करते हैं फिर इन गहरे अन्धेरों
में हाथ पकड़ कर भटकाने वाली
लालसायें कौन हैं? जिनके
साथ भटकने के बाद अपना पता
मिलना मुश्किल होता है।
इंसान
अपने आसपास फैली संसार की
भावूकता और मार्मिकता के कई
रूपो, मुखोटों
की अस्लियतों को एक आकार देते
हुएँ अपने पीछे इफैक्ट छोड़ते
जाते हैं जीवन के रसों को
तरह-तरह
से बनाने के लिये है।
राकेश
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