हर
जगह किसी न किसी कहानी की तरह है। जिसमें कई पन्ने हैं और हर कहानी में कुछ
ऐसे भी पन्ने हैं जो किनारों से कुछ इस तरह मुड़े हैं कि अपने साथ या तो
कई पन्नों को चिपका ले जाते हैं या फिर उन्हे बोलने का मौका नहीं देते।
जिंदगी की किताब :
जिंदगी की किताब :
1 comment:
han sahi kaha na jane kitne hi logon ne chua hoga, aur unme se aanaje kitno ne pda aur kitnon ne padne i kosis ki hogi, na jane kitne use apne hoto se lagaya hoga.... naa jane
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