एक शहर है
Friday, April 30, 2010
मिटना ही जीवन है
कुछ ही समय के बाद देखने में लगा जैसे वो मिट रहा है। मगर फिर भी उसपर कुछ बनाने का लगातार मन कर रहा था।
राकेश
1 comment:
kunwarji's
said...
yahi to jivan ki sabse badi samsya hai ji,,,,,
kunwar ji,
April 30, 2010 at 1:37 PM
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1 comment:
yahi to jivan ki sabse badi samsya hai ji,,,,,
kunwar ji,
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