रंग बहुत है बस जरूरत है खुद को उन रंगो के पास पहुँचाने की, जब मिलेगा आप को अपना नया रंग।
रोशनी की गुलाम नहीं वो बन्द मुठ्ठी को भी चकमा दे देती है आप किसी भ्रम मे मत रहना वो जागती आँखो को भी धोखा दे देती है।
जमीं पर पड़े निशान मिट जाते हैं अच्छे-अच्छे जख़्म भर जाते हैं,मगर जीवन मे किसी की मौजूदगी का होना नहीं मिट सकता। वो मौजूदगी जो गायब है।ये विवाह की वेदी पर हुआ कैसा गठबंधन है। जो आत्माओ का युगो तक रिश्ता बना देता है।
राकेश
4 comments:
pics utane hi achchhe hai jitana ki bhawanaaye......
सुन्दर चित्र.
बढिया चित्र!
aap ne jo rashvir me jhaka achchh laga.aap ke liye hum is tareh ki shirkat karte rahege . shehr main tareh-tareh ki kalpnao se aap ko mukhati karvate rahenge.
thanx.
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