हम जो जीवन मे सोच रहे है उसका एक उदहारण, चित्र उभारना चाहिये। जो हमारी अवधारणाओं और विशेष विषय के उदाहरण पर विचार विमर्श उनको बाँटने से ही उनके जीवन बुनियाद मजबूत हो जाती है। जीवन के सभी तत्वों को गम्भीरता से लेना चाहिये जिससे ऐसा न हो की आप का लाइव दूसरों के पहलू से बहुत दूर हो जाये। यदी ऐसा होगा तो खुद में एक धूंधलापन पैदा हो जाने का डर आ जाता है। अपने जीवन को विशेष रूप से सोचने की कोशिश न छोड़ें।
अपने आपको हर किमत मे पकड़े रहे तभी बौद्दिकी ज़िन्दगी को हर्ष और उल्लास से जी सकेंगे। जीवन के संचार, संकेतों और प्रतिकों का अध्ययन है और आमतौर पर तीन शाखाओं में विभाजित है। शब्दों, लक्ष्ण और बातें जो वे उल्लेख के बीच सम्बंध, उनका औपचारिक संरचनाओं में संकेत के बीच सम्बंध लक्षण और उन लोगों पर न के प्रभाव के बीच सम्बंध जो है उन्हें उपयोग करें।
सकेतिकता अक्सर महत्वपूर्ण मानवविज्ञान आयाम होने के रूप में देखा है, उदाहरण के लिए का प्रस्ताव है कि हर संस्कृतिक, जीवन, समय को घटना संचार के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि विज्ञान के तार्किक आयामों पर ध्यान केंद्रित कुछ वे ऐसे कैसे जीवों के पूर्वानुमान के बारे में और अनुकूलन के लिए, अपनी दुनिया में जगह बनाने के लक्षणिक रूप में प्राकृतिक विज्ञान के लिए और जीवन के कर्मकांडो में भी सम्बंधित क्षेत्र लाक्षणिक सिद्धांतों अध्यन कर सकते हैं। हम अपने किसी उद्देश्य के रूप में संकेतो या अपनी जीवन प्रणालियों को समझने का एक
ग्रह बना सकते है।
जो हर समय हमारे साथ हमारी याद्दाश्त में स्थिर होगा और जिसका रूप की कल्पना का ढ़ाँचा जगह में बखूबी दिखेगा। जहाँ पर रहने वाले जीवों में सूचना का संचार रचनात्मक माहौल में शामिल किया है। दिमाग की एक उपज है जो समूहों और आर्कषण देने वाले माहौलों से उभरी एक कल्पना है।
राकेश
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