Monday, November 3, 2008

शहरी डॉकोमेन्ट्ररी


5 जनवरी 2008, समय:- सुबह 10:35 बजे,

हम किसी जगह मे क्या लेकर दाखिल होते हैं? जो हमारी पहचान के लिए जरूरी है? आप किसी की नज़रों मे हो जिसका दस्तावेज आप के हाथ मे है फिर भी आप निहत्थे हो। बस, परछाईयों की एक भीड़ है। जिसमे अपने को खोजते लोग हैं। हम भी उसी की भीड़ मे खुद को खोज रहे हैं।

राकेश

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