Friday, November 28, 2008

नदी का घाट

बहुत बार देखा है की जब हम रोज़ाना घर से काम और काम से जगह में वापस घर आते हैं या यूँ कहिये की जो जहाँ है, वो वहीं घूमफिर कर आ जाते हैं। चाहें जितना भी चले, जितना भी उड़े अपनी जगह लौट आते हैं। मगर सैकड़ो पंछी आसमान मे उड़ते है कुछ घर आने के लिए उड़ते हैं कुछ उड़ने के लिए उड़ते है।

शायद हम वही है हमारी सोच नदियों की भाँति बहती रहती हैं। जो धीरे-धीरे नये पड़ाव, नये किनारों को पकड़ती है फिर भी वो थमती नहीं है। उसका पानी सर्दी, गर्मी, आँधी-तूफान मे भी गतिपूर्ण रहता है। अपना ताज़ा स्पर्श लोगों को देता है। नदी जहाँ ठहराव लेती है वहीं एक घाट बनता है। लोग जहाँ आकर धर्म से और खुद से जुड़े संबधो को आहुति दे कर चले जाते हैं। समय वहाँ बदलता रहता है तो कभी इंतजार में रहता है।

कहने को तो किनारें या घाट लोगों के लिए एक क्रियाकलाप का स्थल है। मगर इस स्थल को बनाये रखने वाले छोटे-छोटे झुंड उसे हर तरह से रचनात्मक रखते हैं कि जो भी इसे देखें ठहराव न कहे। अपने शरीर का मेल समझ कर उतार देते हैं फिर नया चोला पहन लेते हैं। समाज निरंतर चलता रहता है। इस का रुख चारों दिशाओं मे अपने पाँव पसारता रहता है। हमारी लाइफ रोज़ाने के नियमबद्ध जीने को चुनौती देती है। हमें अपनी तरह जीने का संदेश देती है।

हम देखें कि क्या-क्या हमारे आसपास संदेश मिल रहे हैं। समाज जगह को चिन्हित कर के छोड़ देता है मगर वहाँ आसपास रहने वाले लोग उस जगह को गहरा करते हैं। जिससे चिन्हित करने का सही मायनें और वज़न सामने आता है।

नदी का घाट एक संकल्प, लक्षय धारण करने की जगह है। पुरानी पोशाकों को बदल कर नई पोशाक धारण करते हैं और अपने पिछले कर्मो को विसर्जित कर के नये कर्मो का लेखा-जोखा बना लेते हैं। ये वैसा ही है, जैसे किसी पत्थर या शीला पर बने पुराने निशानों को मिटा कर दोबारा से वज़ूद को गढ़नें की शुरूआत करना।

हम ऐसा करते सकते हैं। इस के लिए संधर्भ या मौका ढूंढने की क्या जरूरत है हर पल तुम्हारा है फैसला तुम्हारा है। आज मानव कि समझ में अपने कर्मो के मेल को धोकर जो मिलता है वो उनकी कालगुजारी का वज़न है। जिससे आत्मा को शूकून मिलता है। शहरों में रहने के बावज़ूद लोग तरह-तरह के धर्मो को आहुती दिया करते हैं। आहुती तो एक दान की तरह है। किसी ने कहा है, “दान-पून्न करने से मन मे लीन घुल जाता है। जीवन हजारों बार अपने समक्ष आहुती देता ही रहता है।

राकेश

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