Wednesday, December 3, 2008

कुछ चश्मों से देखना


तारीख, 12/11/2008 समय, 10:40 बजे

हम हमेशा दूर की चीज़ों को पास लाने के लिए अपनी नज़दीकी अहसासों को नज़र अन्दाज़ कर देते हैं। लेकिन दूरियाँ अक्सर अपनी तरफ़ खिंचती हैं। अलग-अलग नज़रियों में जब हम झाँकते हैं तो हमें शहर का मौसम कुछ रंगीन सा लगता है।

राकेश

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