Friday, December 12, 2008

खिच़ड़ी मतदान

वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

जहाँ-तहाँ खींचनी पड़ती जनता की टांग और बनी मिली-जुली सरकार का बनाकर।
जो चबायें पान- वही संभाले लोगों की कमान।
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

समाज का चुनाव बना महत्वपूर्ण।
काम नेताओ की सिर्फ़ चलती ज़ूबान,
अरे क्या फ़ायदा देकर मतदान।
उल्टा पड़ता हर परिणाम।
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

सत्ताधारी पार्टियों की ऊँची शान।
नहीं मिलता किसी अपना मान।
भटका यहाँ इमान- फिर भी सब कहे जय हो मतदान। जय हो मतदान।
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

गाँव-शहर मे बजे ढ़ंका।
जिसका हर शख़्स करता जिसपर उरमान।
चाहें वो हिंन्दू हो या मुस्लमान।
हर हाल में करता है मतदान।
तेरी जय-जयकार हो मतदान।
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

जीत-हार का मज़ा यही है।
सत्य - असत्य की होती पहचान।
खेल बदलता रहता है। नहीं बदलते मैदान।
तुझको मेरा सत-सत प्रणाम!
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

हाथ इशारा करके बुलाता।
कमल मुस्कुरा के लुभाता।
भ्रम में पड़े लोग झुँजलाते।
किस को बनाये अपना अभिमान।
भूल गए ज़िन्दगी का मधूर गान।
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

महाकुंभ लोगों से भरा है।
पाप-पून्य का सट्टा लगा है।
अनूरूप उसके होगा परिणाम।
जो जनता मे लायेगा जान
वाह रे मतदान! वहा रे मतदान!

राकेश

10 comments:

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

जीत-हार का मज़ा यही है।
सत्य - असत्य की होती पहचान।
खेल बदलता रहता है। नहीं बदलते मैदान।
तुझको मेरा सत-सत प्रणाम!
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!

बहुत खूब.

!!अक्षय-मन!! said...

rakesh ji bahut umda likha hai jitna kahuin utna kam....

प्रकाश गोविंद said...

किस को बनाये अपना अभिमान।
भूल गए ज़िन्दगी का मधूर गान।
वाह रे मतदान! वाह रे मतदान!


क्या बात है !
बहुत खूब !

अपने अच्छी तस्वीर खींची है लोकतंत्र की !

मेरी शुभ कामनाएं !

रचना गौड़ ’भारती’ said...

कलम से जोड्कर भाव अपने
ये कौनसा समंदर बनाया है
बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
सुंदर रचना संसार बनाया है
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

विवेक said...

एक शहर है...नाम अच्छा है

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर ...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

प्रवीण त्रिवेदी said...

हा,,,,हा,,,हा,
बढ़िया आईडिया दिया आपने पाठकों को !

हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!


प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

Unknown said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी शुभकामनायें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, ताकि टिप्पणी करने में कोई बाधा न हो… धन्यवाद।

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

महाकुंभ लोगों से भरा है।
पाप-पून्य का सट्टा लगा है।
अनूरूप उसके होगा परिणाम।
जो जनता मे लायेगा जान
वाह रे मतदान! वहा रे मतदान!
बहुत ही अच्छी व्यगात्मक कविता। पढकर मजा आ गया। मेरी तरफ से शुभकामना।

मेरे ब्लिग पर अवश्य पधारे। जय हिन्द॥।

Ek Shehr Hai said...

दोस्तों आप का एक शहर है ब्लॉग पर स्वागत है।
काफी वक़्त गुज़र जाने के बाद मैं आप लोगों से मिल रहा हूँ।

इन दिनों दिल्ली की एक बस्ती जिसका नाम एल.एन.जे.पी है। यहाँ पर सर्वे चल रहे हैं शायद दो-तीन महिने का सफ़र और बाकी है। हम उसके हर पल में शामिल है और को भी इस सफ़र में शामिल होने का न्यौता देते हैं।